धन का महत्व और भगवती कमला
जीवन में कुछ ही ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें धन से नहीं खरीदा जा सकता, लेकिन अधिकांश इच्छाओं और आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए धन अत्यंत आवश्यक है। बच्चों की शिक्षा, परिवार की सुरक्षा, उत्तम स्वास्थ्य, सामाजिक सम्मान और ऐश्वर्यपूर्ण जीवन—ये सब तभी संभव हैं जब जीवन में लक्ष्मी कृपा हो।
आज के समय में समाज में व्यक्ति का मूल्य उसकी आर्थिक स्थिति से आंका जाता है। चाणक्य ने भी कहा है कि निर्धन व्यक्ति से मित्र, परिवार और रिश्तेदार दूर हो जाते हैं, जबकि धन प्राप्त होते ही वही लोग पुनः निकट आ जाते हैं। यही कारण है कि हमारे शास्त्रों ने धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को पुरुषार्थ बताया है, जिनमें दूसरा पुरुषार्थ “अर्थ” यानी धन प्राप्ति है।
लक्ष्मी उपासना का महत्व
धन केवल भौतिक सुख ही नहीं देता, बल्कि यह धर्म, सामाजिक कार्य और जीवन की उन्नति का भी साधन है। शास्त्रों के अनुसार, घर में लक्ष्मी का स्थायी निवास होने पर शत्रु बाधाएं दूर होती हैं, कार्यों में सफलता मिलती है और जीवन में उत्साह एवं आत्मविश्वास बढ़ता है।
भगवती कमला, लक्ष्मी का मूल स्वरूप हैं। उनकी साधना और उपासना करने से दरिद्रता नष्ट होती है और जीवन में समृद्धि आती है। यहां तक कि देवता भी लक्ष्मी की कृपा पर आश्रित रहते हैं।
कमला साधना का प्रभाव
कमला साधना से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में अद्भुत वैभव और धन प्राप्त होता है। तंत्र शास्त्रों में कहा गया है कि श्रावण मास, नवरात्रि, कार्तिक मास या किसी शुभ मुहूर्त पर की गई कमला साधना जीवन से अभावों को दूर कर देती है।
कमला के द्वादश नाम—महालक्ष्मी, ॠणमुक्ता, हिरण्मयी, राजतनया, दारिद्र्य हारिणी, कांचना, जया, राजराजेश्वरी, वरदा, कनकवर्णा, पद्मासना और सर्वमांगल्या—के नियमित जप मात्र से भी सिद्धि प्राप्त होती है।
कमला यंत्र का महत्व
कमला यंत्र कमला साधना का मुख्य आधार है। यह यंत्र षट्कोण और अष्टदल युक्त होता है और तांबे पर अंकित किया जाता है। मंत्रोद्धार और विधिपूर्वक स्थापित यंत्र ही फलदायी होता है। कमला तंत्र में बताए गए बारह बीज मंत्रों से इसे सिद्ध किया जाता है।
पूजा स्थान पर स्थापित कमला यंत्र न केवल साधक को धन और सौभाग्य देता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी भाग्यवर्धक सिद्ध होता है।
कमला साधना की विधि
- साधक पीले वस्त्र पहनकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठे।
- अपने सामने कमला यंत्र, कमल गट्टे की माला, पुष्प और पूजा सामग्री रखें।
- गुरु पूजन और नवग्रह प्रार्थना के बाद कमला यंत्र का पंचामृत से स्नान कराएं।
- लक्ष्मी के द्वादश रूपों की स्थापना कर मंत्रों से उनका पूजन करें।
- कमला कवच का पांच बार पाठ करें। यह साधना में अत्यंत प्रभावकारी है।
- अंत में ‘कमला मंत्र’—
॥ ॐ ऐं ईं हृीं श्रीं क्लीं ह् सौः जगत्प्रसूत्यै नमः॥
—की 16 माला जप करें।
साधना पूर्ण होने के बाद लक्ष्मी आरती करें और साधना सामग्री को सवा माह बाद जल में विसर्जित कर दें।
निष्कर्ष
कमला साधना केवल धन प्राप्ति का उपाय नहीं, बल्कि यह मानसिक शांति, आत्मविश्वास और जीवन में समृद्धि का दिव्य मार्ग है। नियमित रूप से भगवती कमला का ध्यान और कमला यंत्र की उपासना करने से साधक के जीवन में दुर्भाग्य दूर होकर सौभाग्य का आगमन होता है।
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